Betain Na Betain Na Raina
GULZAR, BHUPEN HAZARIKA
बीते ना बीते ना रैना
कोरे हैं नींद से नैना
नैनो के सपने भी गंज
आए तो बोले ना बाइना
बीते ना बीते ना रैना
कोरे हैं नींद से नैना
नैनो के सपने भी गंज
आए तो बोले ना बाइना
बीते ना बीते ना रैना
रातो के पन्नो पे
ना कोई साया
ना कोई सांगी ना साकी
आँगन में उतरे
ना सुबह के पाख़ी
ना कोई साजन ना साथी
बीते ना बीते ना रैना
मारू में उड़ती हैं
पागल हवाए
मारू अकेले ना जाना
रेती के ढेरो के उड़ते बाबूले
रेती में घर ना बनाना
बीते ना बीते ना रैना
कोरे हैं नींद से नैना
नैनो के सपने भी गंज
आए तो बोले ना बाइना
बीते ना बीते ना रैना