Kuchh Aisa Lagtaa Hai
Babul Supriyo
दिल झूम ने लगता है
कभी गाने लगता है
बैठे बैठे यूँही
ये दिल गभहरने लगता है
कुच्छ सोचने लगता है
हरपाल ये कहता है
जब हो जाता है प्यार तो
यारो ऐसा लगता है
कुच्छ ऐसा लगता है
हन कुच्छ ऐसा लगता है
टोबाई ठंडी हवा
मधाम है दिल का जिया
महसूस करता हूँ मैं
तूने मुझे च्छुन लिया
तन्हा कितना तन्हा
पल पल लम्हा लम्हा
यादो में तेरी जीया
कुच्छ ऐसा लगता है
हन कुच्छ ऐसा लगता है
चाहत की गहराईया
किसको दिखौं यहाँ
आ देख जेया आके तू
समजेगा ना ये जहाँ
तन्हा कितना तन्हा
पल पल लम्हा लम्हा
खोने लगा है जवान
कुच्छ ऐसा लगता है
हन कुच्छ ऐसा लगता है
हन कुच्छ ऐसा लगता है