Parinda
जलना बुझाना, बुझके जलना
मरना जीना, मरके जीना
माँगने वाली चीज़ नही ये
मौका उसका जिसने छीना
गिरना उठना, उठके चलना
चढ़ जा अंबर जीना जीना
याद रहे यह शर्त सफ़र की
पीछे मूड के देख कभी ना
जीत का जुनून है तो
हार सोचना क्यूँ
जब ज़िंदगी है इक ही
दो बार सोचना क्यूँ
मैं परिंदा क्यूँ बनू
मुझे आसमान बनना है
मैं इक पन्ना क्यूँ राहु
मुझे दास्तान बनना है
मैं परिंदा क्यूँ बनू
मुझे आसमान बनना है
कोई तो वजह है
जो ज़िद पे अडी है ये धड़कने
यही तो मज़ा है
किया जो किसी ने नही हम करे
कोई तो वजह है
जो ज़िद पे आदि है ये धड़कने
हाँ यही तो वजह है
किया जो किसी ने नही हम करे
ललकार की घड़ी है
ये बेकार सोचना क्यू
जब से तेरी है एक ही
दो बार सोचना क्यू
मैं परिंदा क्यूँ बनू
मुझे आसमान बनना है
मैं इक पन्ना क्यूँ रहु
मुझे दास्तान बनना है
मैं परिंदा क्यूँ बनू
मुझे आसमान बनना है
सूरज और दिखाले आज
कल तेरी आँख ज़ुकनी है
तेरे अंदर है जितनी आग
यहा उससे भी दुगनी है
सूरज और दिखाले आज
कल तेरी आँख ज़ुकनी है
तेरे अंदर है जितनी आग
यहा उससे भी दुगनी है
तलवार हाथ में है तेरे
दे मार सोचना क्यूँ
जब ज़िंदगी है इक ही
दो बार सोचना क्यूँ
मैं परिंदा क्यूँ बनू
मुझे आसमान बनना है
मैं इक पन्ना क्यूँ राहु
मुझे दास्तान बनना है
मैं परिंदा क्यूँ बनू
मुझे आसमान बनना है