Sloak
Kamalkar Bhagwat, Vasant Ninave
ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे
कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम्
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणाम् ब्रह्मणस्पत
आ नः शृण्वन्नूतिभिःसीदसादनम्
ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे
कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम्
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणाम् ब्रह्मणस्पत
आ नः शृण्वन्नूतिभिःसीदसादनम्
2009 • Bhaavgeetanjali
2012 • Bhaav Suman