Dil Gham Se Jal Raha Hai

Azmi Kaifi, Ghulam Mohammed

दिल ग़म से जल रहा है जले
पर धुआँ न हो
दिल ग़म से जल रहा है जले
पर धुआँ न हो
मुमकिन है इसके बाद कोई
इम्तेहां न हो
कोई इम्तेहां न हो
मुमकिन है इसके बाद कोई
इम्तेहां न हो
कोई इम्तेहां न हो

दुनिया तो क्या ख़ुदा से भी
घबराके कह दिया
दुनिया तो क्या ख़ुदा से भी
घबराके कह दिया
घबराके कह दिया
वह महर्बां नहीं तो कोई
महर्बां न हो
कोई महर्बां न हो
दिल ग़म से जल रहा है जले
पर धुआँ न हो

अब तो वहीं सुकूं मिलेगा मुझे जहाँ
अब तो वहीं सुकूं
मिलेगा मुझे जहाँ
मिलेगा मुझे जहाँ
ये संगदिल ज़मीं न हो
आस्मां न हो
ज़मीं आस्मां न हो
दिल ग़म से जल रहा है जले
पर धुआँ न हो

Curiosidades sobre la música Dil Gham Se Jal Raha Hai del सुमन कल्याणपुर

¿Quién compuso la canción “Dil Gham Se Jal Raha Hai” de सुमन कल्याणपुर?
La canción “Dil Gham Se Jal Raha Hai” de सुमन कल्याणपुर fue compuesta por Azmi Kaifi, Ghulam Mohammed.

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