Kuchh Na Kaho

JAVED AKHTAR, RAHUL DEV BURMAN

कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
क्या कहना है क्या सुनना है
मुझको पता है तुमको पता है
समय का ये पल थमसा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो

कितने गहरे हलके शाम के रंग है छलके
परबत से यूं उतरे बादल जैसे आँचल ढलके
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो

सुलगी सुलगी सांसें बहकी बहकी धड़कन
मेहके मेहके शाम के साए पिघले पिघले तनमन
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
क्या कहना है क्या सुनना है
मुझको पता है तुमको पता है
समय का ये पल थमसा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो

Curiosidades sobre la música Kuchh Na Kaho del राहुल जैन

¿Quién compuso la canción “Kuchh Na Kaho” de राहुल जैन?
La canción “Kuchh Na Kaho” de राहुल जैन fue compuesta por JAVED AKHTAR, RAHUL DEV BURMAN.

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