Dil Kehta Hai [Unplugged]

Anu Malik, Majrooh Sultanpuri

वो दिन थे क्या हसीन
दोनों थे साथ में
और बाहें आपकी
थी मेरे हाथ में
तुम ही तुम ऐ सनम
मेरे दिन-रात में
पर इतनी बुलंदी पे तुम हो मेरी जान
आये ना दामन अब हाथ में
पाना तुमको मुमकिन ही नहीं
सोचे भी तो हम घबरातें हैं
तुम क्या जानो अब हम कितना दिल ही दिल में पछताते हैं
दिल कहता हैं चल उनसे मिल
उठते ही कदम रुक जाते हैं
उठते ही कदम रुक जाते हैं

दिल जिग़र दोनों घायल हुवे
तीरे नज़र दिल के पार होगया
राजा को रानी से प्यार होगया
पहली नज़र में पहला प्यार होगया
दिल जिग़र दोनों घायल हुवे
तीरे नज़र दिल के पार होगया

हम तो जान देकर यू ही मर मिटे थे
सुन लो ऐ हसीनो ये हमसे अब न होगा
ऐसा जख़्म दिया हैं जो न फिर भरेगा
हर हसीन चेहरे से अब ये दिल डरेगा

Curiosidades sobre la música Dil Kehta Hai [Unplugged] del राहुल जैन

¿Quién compuso la canción “Dil Kehta Hai [Unplugged]” de राहुल जैन?
La canción “Dil Kehta Hai [Unplugged]” de राहुल जैन fue compuesta por Anu Malik, Majrooh Sultanpuri.

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