Achchi Lagti Ho
Ehsaan, Shankar, Akhtar Javed, K C LOY
मुझे तुम चुपके चुपके जब ऐसे देखती हो
अच्छी लगती हो(अच्छी लगती हो)
ओ कभी ज़ुल्फ़ों से, कभी आँचल से जब खेलती हो
अच्छी लगती हो(अच्छी लगती हो)
तुममें ऐ मेहरबान, सारी है खूबियाँ
भोलापन सादगी, दिलकशी ताज़गी
भोलापन सादगी, दिलकशी ताज़गी
रंग तुमसे मिले है सारे(सारे)
तारीफ़ जो सुनके तुम ऐसे शर्मा जाती हो
अच्छी लगती हो
हम्म हहम्म कभी हँस देती हो और कभी इतरा जाती हो
अच्छी लगती हो(अच्छी लगती हो)
सोचता हूँ के मैं, क्या पुकारूं तुम्हें
दिलनशीं नाज़नीं, माहरू महज़बीं
दिलनशीं नाज़नीं, माहरू महज़बीं
ये सब है नाम तुम्हारे
मेरे प्यार में जब तुम खोये खोये से रहते हो
अच्छे लगते हो(अच्छे लगते हो)
मुझे तुम चुपके चुपके जब ऐसे देखती हो
अच्छी लगती हो
अच्छी लगती हो