Aawaz Do Humko [Unplugged]

ANAND BAKSHI, UTTAM SINGH

मेरे सामने रहना जाना नहीं
तुमसे है कुछ कहना जाना नहीं
मेरे सामने रहना जाना नहीं
तुमसे है कुछ कहना जाना नहीं
मौसम कभी प्यार का
लौटकर आना नहीं
आवाज़ दो हमको
हम खो गये
कब नींद से जागे
कब सो गये
मर जायेंगे हम अगर
दूर तुम से हो गये
आवाज़ दो हमको (हमको)

हो हो हो हो

सावन की इस पहली बरसात में
सब देख ले सपनें इक रात में
सावन की इस पहली बरसात में
सब देख ले सपनें इक रात में
कट जाये ना ज़िन्दगी
एक ही मुलाकात में
आवाज़ दो हमको हम खो गये
कब नींद से जागे
कब सो गये मर जायेंगे
हम अगर (हम अगर)
दूर तुम से हो गये (दूर तुम से हो गये)

हे हे हे हे हे हो

तुमसे निगाहें चार करने लगे
हम ज़िन्दगी से प्यार करने लगे
तुमसे निगाहें चार करने लगे
हम ज़िन्दगी से प्यार करने लगे
डरते ना थे मौत से (डरते ना थे मौत से)
अब मगर डरने लगे (अब मगर डरने लगे)
आवाज़ दो हमको हम खो गये
कब नींद से जागे
कब सो गये
मर जायेंगे हम अगर (मर जायेंगे हम अगर)
दूर तुम से हो गये
आवाज़ दो हमको हम खो गये

Curiosidades sobre la música Aawaz Do Humko [Unplugged] del राहुल जैन

¿Quién compuso la canción “Aawaz Do Humko [Unplugged]” de राहुल जैन?
La canción “Aawaz Do Humko [Unplugged]” de राहुल जैन fue compuesta por ANAND BAKSHI, UTTAM SINGH.

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