Diwali Phir Aa Gai Sajni

Wali Saheb, Ghulam Haider

दीवाली फिर आ गयी सजनी
दीवाली फिर आ गयी सजनी

हा हा मन का दीप जलाले
हा हा मन का दीप जलाले

दीवाली फिर आ गयी सजनी
दीवाली फिर आ गयी सजनी

आमत के यूँ दीप जलाये
क्यों आकाश के तारे
आमत के यूँ दीप जलाये
क्यों आकाश के तारे
जगमग जगमग हो सब दुनिया सो जाए आँधियारे
जगमग जगमग हो सब दुनिया सो जाए आँधियारे
आँखें मलते मलते सजनि
आँखें मलते मलते सजनि जाग उठे उजियाले

दीवाली फिर आ गयी सजनी
दीवाली फिर आ गयी सजनी

हा हा आग का दीप जला ले
हा हा आग का दीप जला ले

दीवाली फिर आ गयी सजनी
दीवाली फिर आ गयी सजनी

हे री सखी चल नन्द गाँव को लेकर मन की माला
हे री सखी चल नन्द गाँव को लेकर मन की माला

हा ओ सखी चल नन्द गाँव को लेकर मन की माला
हा ओ सखी चल नन्द गाँव को लेकर मन की माला
दे आये अँधियारे मन के ले आये उजियाला
दे आये अँधियारे मन के ले आये उजियाला
जमुना तट पर चल कर सजनि
जमुना तट पर चल कर सजनि
जीवन के सुख पाले

दीवाली फिर आ गयी सजनी
दीवाली फिर आ गयी सजनी

Curiosidades sobre la música Diwali Phir Aa Gai Sajni del शमशाद बेगम

¿Quién compuso la canción “Diwali Phir Aa Gai Sajni” de शमशाद बेगम?
La canción “Diwali Phir Aa Gai Sajni” de शमशाद बेगम fue compuesta por Wali Saheb, Ghulam Haider.

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