Zindagi Ab

Shamshad Begum, Unknown

ज़िंदगी अब गुज़र भी जा, बातें ना कर शबाब की
रात ढली तो उड़ गई, मस्ती थी इक शराब की

एक जगह रुके हैं कब वक़्त के काफ़िले यहाँ
एक जगह रुके हैं कब वक़्त के काफ़िले यहाँ
तू वो ज़माना भूल जा जिसमें अदा थी ख़्वाब की

दिल ने जहाँ भी कह दिया, सजदा वहीं पे कर लिया
दिल ने जहाँ भी कह दिया, सजदा वहीं पे कर लिया
फ़िक्र नहीं अज़ाब का, ख़्वाहिश नहीं सवाब की

पर्दा ना रुख़ पे डालिए, चमकेगा रंग और भी
पर्दा ना रुख़ पे डालिए, चमकेगा रंग और भी
शीशे में रह के रंगतें छुपती नहीं शराब की

ज़िंदगी अब गुज़र भी जा, बातें ना कर शबाब की
रात ढली तो उड़ गई, मस्ती थी इक शराब की

Curiosidades sobre la música Zindagi Ab del शमशाद बेगम

¿Cuándo fue lanzada la canción “Zindagi Ab” por शमशाद बेगम?
La canción Zindagi Ab fue lanzada en 2009, en el álbum “Ghazals By Shamshad Begum”.
¿Quién compuso la canción “Zindagi Ab” de शमशाद बेगम?
La canción “Zindagi Ab” de शमशाद बेगम fue compuesta por Shamshad Begum, Unknown.

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