Bahut Uss Gali Ke Kiye Hain Re Phere

Pankaj Mullick

हाँ आ हाँ आ हाँ आ
बहुत उस गली के किये हैं रे फेरे
बहुत उस गली के किये हैं रे फेरे
यह जिनके लिये था, हुए वह न मेरे
यह जिनके लिये था, हुए वह न मेरे
बहुत उस गली के

पहुँचना उन्हें देखने की ललक में
पहुँचना उन्हें देखने की ललक में
कभी दिन ढला कर, किसी दिन सवेरे
कभी दिन ढला कर, किसी दिन सवेरे
फिर उस देश में काहे
फिर उस देश में होगा काहे को आना
फिर उस देश में होगा काहे को आना
जहाँ चार दिन को लगाये हैं डेरे
जहाँ चार दिन को लगाये हैं डेरे
जहाँ चार दिन को लगाये हैं डेरे
सहारा नहीं रुत का
सहारा नहीं रुत का, है क्या सुहाना
इस एक डाल पर हैं
इस एक डाल पर हैं पर हैं सभी के बसेरे
इस एक डाल पर हैं सभी के बसेरे
लगी जब से आँख आरज़ू की यह गत है
लगी जब से आँख आरज़ू की यह गत है
न सोना सवेरे न उठना सवेरे
न सोना सवेरे न उठना सवेरे
न सोना सवेरे न उठना सवेरे

Curiosidades sobre la música Bahut Uss Gali Ke Kiye Hain Re Phere del के एल सेगल

¿Quién compuso la canción “Bahut Uss Gali Ke Kiye Hain Re Phere” de के एल सेगल?
La canción “Bahut Uss Gali Ke Kiye Hain Re Phere” de के एल सेगल fue compuesta por Pankaj Mullick.

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