Manzil
मंज़िल सामने आ तू भी देख ज़रा
ग़म के तराने खुशी के बहाने लिए मैं जी रहा
तू सामने आ तू आजा ना तू आजा ना तू आजा ना
तू सामने आ तू आजा ना तू आजा ना
मंज़िल येह
मंज़िल येह येह
वो हमदम हमसफ़र वो
हमनशीं फ़िर ना मिला
तन्हा रह गया दिल
राहों का वो ही सिलसिला
के बेचैन हर पल है ये मेरा
बेखबर है तू कहाँ
मंज़िल सामने आ तू भी देख ज़रा
ख़्वाबों की डोर ये टूटे ना अब कभी
साथ तेरा ये छूटे ना कभी
ख़्वाबों की डोर ये टूटे ना अब कभी
साथ तेरा ये छूटे ना कभी
कौन है अपना कौन है पराया यहाँ
कौन है अपना कौन है पराया यहाँ
ढूँढे तुझको नज़र
बेखबर है तू कहाँ
मंज़िल सामने आ तू भी देख ज़रा
मंज़िल येह
मंज़िल येह येह