Rehbara
Vilen
ओ रहबरा मेरी मोहब्बत बेसबर
ढूँढे है तुझको दरबदर
राहों में मुझको छोड़कर
क्यूँ पूछता? मेरे अरमानो की खबर
बेठा जब खुदको तोड़कर
तन्हा तू पिछले मोड़ पर
जब गुनगुनाती चले वो पावन हवा
मेरे कानो में आके कहती सदा
क्यूँ है यादों में पागल ओ बज़ुबान
या तो केहदे या खुदसे करले सुलाह
वो रोग ही है जो दिल बस दोष गिनाता है
जो भीड़ में लोगो को तन्हा कर जाता है
ना जोड़ तू अफ़साने झंझोड़ के ओ सजनी
कलियों की मोहब्बत में भँवरा भी तो गाता है
आके ज़रा मेरी बाहों को ले जकड
अपना ले फिरसे वो सफ़र
छोड़ा जो पिछले मोड़ पर
ओ रहबरा मेरी मोहब्बत बेसबर
ढूँढे है तुझको दरबदर
राहों में मुझको छोड़कर