Bawariya
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए
ख्वाबों में ये सपने सपनो में सो जाए
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए
पता क्या है तुझको जो मन ये रंग गया है
मेरी चाहत जो है तारों ने भी सुना है
सवालों के घेरे में है फिर भी फसा क्यूँ
मेरी आदत जो है तेरी ही दी सज़ा है
संभालू कैसे खुद को ये सब गुनगुना कर
चले आगे चले उस रास्ते जो है चुना
लहरें जो सताए ऐसे झूल जाए
ग़म को भूल आँसू खुशियों के हो जाए
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए
ख्वाबों में ये सपने सपनो में सो जाए
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए
दिन रात होती है तारों की मन से सलाह
जब साथ होती है खुले गगन की तरह
के चाहे दिल नये नये रंग देखना
पहचान होती है होके मगन इतना
राहें भूल जाए तो भी मुस्कुराए
असली ज़िंदगानी सपनो सी सजायें
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए
ख्वाबों में ये सपने सपनो में सो जाए
सुन रे सुन बावरिया मिलके हम खो जाए