Gaye Jo Tum
खाली सी हैं सारी रातें
तेरी ही कमी हैं
तू क्यूँ ना जाने
बेफिकर से थे जो दिन वो पुराने
कुछ नहीं हैं यहाँ
बस तेरी यादें
गये जो तुम रूठे है सारे मौसम
गये जो तुम रूठे है सारे मौसम
गये जो तुम रूठे है सारे मौसम
गये जो तुम रूठे है सारे मौसम
कहा सुना सब
अब भूल जायें
दिन तेरे बिन अब
गुज़र ना पायें
टूटा है जो दिल
वो समेट ना पायें
हाय
तू ही मेरा घर
तू ही मेरा ठिकाना
दूर जो हुयी तू
मैंने तब ये जाना
लगता हैं सूना
अब सारा ज़माना
हाँ वे
खो भी जायें
तो ढून्ढ लाऊँ तुझे ओह
इक इक पल मेरा
मैं दे दूँ तुझे
गये जो तुम रूठे है सारे मौसम
गये जो तुम रूठे है सारे मौसम
गये जो तुम रूठे है सारे मौसम
गये जो तुम रूठे है सारे मौसम
क्या बरखा क्या पतझड़
बस भटके हैं दर दर
मिले हैं किनारे सदियाँ तैर कर
क्या बरखा क्या पतझड़
बस भटके हैं दर दर
मिले हैं किनारे सदियाँ तैर कर
क्या बरखा क्या पतझड़
बस भटके हैं दर दर
मिले हैं किनारे सदियाँ तैर कर
क्या बरखा क्या पतझड़
बस भटके हैं दर दर
मिले हैं किनारे सदियाँ तैर कर