Baat Nahi Karni
ना तुम समझे
ना मैं समझी
कैसे बदला है सब
बीते ना यह दिन
रातें ना गुज़रे
बोलो है ऐसा क्यू अब
मुझको तो खुद से
ज़्यादा ही था तुझपे ऐतबार
कैसे करूँगी अब मैं यकीन
किसी पे भी बोलो ना
जाने दो ना
बात नही करनी
छोड़ दो ना
जो भी है यही
जाने दो ना
बात नही करनी
छोड़ दो ना
जो भी है यही
बिखरा बिखरा है ऐसे जो
यूँ ही रहने दो ना
जाने दो ना
बात नही करनी
छोड़ दो ना
जो भी है यही
कैसे बताती
दिल का इरादा
तुम तो मुझसे
खुद में थे ज़्यादा
कैसे जताऊ
कितना मैं चाहूं
वक़्त नही था
तुमको ज़रा सा
काग़ज़ के पन्नो पे
क़ायम नही रहेगा
अब यह साथ
अगले जनम अगर है लिखा
तो होगी फिर मुलाक़ात
रहने भी दो छोड़ो ना
टूटा है जो दिल जोड़ो ना
जाने दो ना
बात नही करनी
छोड़ दो ना
जो भी है यही
जाने दो ना
बात नही करनी
छोड़ दो ना
जो भी है यही
बिखरा बिखरा है ऐसे जो
यूँ ही रहने दो ना
जाने दो ना
बात नही करनी
छोड़ दो ना
जो भी है यही