Kahan Gayi Wo Wafa

MEHDI HASSAN, NISAR BAZMI

कहाँ गई वो वफ़ा आज तो चले आओ
कहाँ गई वो वफ़ा आज तो चले आओ
लबों पे दम है रूका आज तो चले आओ
कहाँ गई

कहा था तुमने के आओगे चाँदनी बनकर
कहा था तुमने के आओगे चाँदनी बनकर
वो चाँद ढलने लगा आज तो चले आओ
वो चाँद ढलने लगा आज तो चले आओ
कहाँ गई

अंधेरा फैलता जाता है दिल की राहों में
अंधेरा फैलता, फैलता
अंधेरा फैलता जाता है दिल की राहों में
चराग़ बुझने लगा आज तो चले आओ
चराग़ बुझने लगा आज तो चले आओ
कहाँ गई

उन्हें ये आँखरी पैग़ाम भेज दो साहिल
उन्हें ये आँखरी पैग़ाम भेज दो साहिल
मरिज़े इश्क चला आज तो चले आओ
मरिज़े इश्क चला आज तो चले आओ
कहाँ गई वो वफ़ा आज तो चले आओ
लबों पे दम है रूका आज तो चले आओ
कहाँ गई वो वफ़ा आज तो चले आओ
कहाँ गई

Curiosidades sobre la música Kahan Gayi Wo Wafa del मेहदी हस्सान

¿Quién compuso la canción “Kahan Gayi Wo Wafa” de मेहदी हस्सान?
La canción “Kahan Gayi Wo Wafa” de मेहदी हस्सान fue compuesta por MEHDI HASSAN, NISAR BAZMI.

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