Hamari Saanson Mein Aaj Tak
हमारी साँसों में आज तक वो
हिना की खुशबू महक रही है
हमारी साँसों में आज तक वो
हिना की खुशबू महक रही है
लबों पे नगमें मचल रहे हैं
लबों पे नगमें मचल रहे हैं
नज़र से मस्ती झलक रही है
हमारी साँसों में आज तक वो
हिना की खुशबू महक रही है
कभी जो थे प्यार की जमानत
वो हाथ है गैर की अमानत
कभी जो थे प्यार की जमानत
वो हाथ है गैर की अमानत
जो कसमे खाते थे चाहतो की
उन्ही की नियत बहेक रही है
जो कसमे खाते थे चाहतो की
उन्ही की नियत बहेक रही है
हमारी सांसो मे आज तक वो
हीना की खुश्बू महेक रही है
किसी से कोई गीला नही है
नसीब ही मे वफ़ा नही है
किसी से कोई गीला नही है
नसीब ही मे वफ़ा नही है
जहा कही था हिना को खिलना
हिना वही पे महेक रही है
जहा कही था हिना को खिलना
हिना वही पे महेक रही है
हमारी सांसो मे आज तक वो
हीना की खुश्बू महेक रही है
वो जिनकी खातिर ग़ज़ल कही थी
वो जिनकी खातिर लिखे थे नगमे
वो जिनकी खातिर ग़ज़ल कही थी
वो जिनकी खातिर लिखे थे नगमे
उन्ही के आगे सवाल बनके
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है
उन्ही के आगे सवाल बनके
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है
हमारी सांसो मे आज तक वो
हीना की खुश्बू महेक रही है