Toh Kya Badla [Intro]
तकिया कलाम नही मेरे पास
सिर्फ़ तकिया के पास कलाम है मेरे
रोज़ मौत से डरता हू पर शायद
ये सिर्फ़ जीने का भरम है मेरे
करम को मेरे मुझे कर्मा से बचाना है
खुदके सारे पापों को मुझे शब्दों से मिटाना है
ये तो बहाना है की में सिर्फ़ खुदके लिए लिखता हू
बस दर्र इश्स बात का है की कोई सुनने वाला नही है
तो क्या बदला
मै
बड़ी कहानियाँ सर में है च्छेद
ना रुके है कभी कैसे ये खेद
या करोगे भेद,या बनॉगे भेद
औकात से ज़्यादा दिखेगा तो raid
पहले बस में और ये भुत था
हन सुनेंगे लोग मै बना सबूत
में बंबई का लड़का पेर दिल्ली नही दूर
हा खुदको इलाक़ों में बाटू ही क्यू ये मेरे सवाल
मेरे जवाब
मेरी कहानिया
मेरे है ख्वाब
ये मेरे है लोग
जो ढूंढ़ेंगे मुझे पर
पाएँगे खुद को ऐसे ये बोल,तो सुन