Tu Kaun Kahan Se Aayi Hai
यह ताज़गी
आ आ आ आ आ
यह नाज़ुकी
आ आ आ आ आ
यह सादगी
तू कौन कहा से आई है
यह हुस्न कहा से लाई है
तू कौन कहा से आई है
यह हुस्न कहा से लाई है
तेरा नूर नही इंसानो सा
क्या खुदा से मिलकर आई है
क्या खुदा से मिलकर आई है
तेरी आँखे बाते करती हैं
जैसे लहरे बाते करती हैं
क्या गुजर हुवा है गुलशन से
या फुलो से नहा के आई है
तेरा नूर नही इंसानो सा
क्या खुदा से मिलकर आई है
क्या खुदा से मिलकर आई है
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
अमृत का रस होठों मे भरा
क्या पाकीज़ा है नाम तेरा
धड़कन की तरह से चलती है
क्या दिल बनकर आई है
तेरा नूर नही इंसानो सा
क्या खुदा से मिलकर आई है
क्या खुदा से मिलकर आई है
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
इस जहाँ मे किसकी अमानत है
तू किसके दिल की मोहब्बत है
है कौन नसीबो वाला जिसकी
तू दुल्हन बनकर आई है
तेरा नूर नही इंसानो सा
क्या खुदा से मिलकर आई है
क्या खुदा से मिलकर आई है
तू कौन कहा से आई है
यह हुस्न कहा से लाई है
तेरा नूर नही इंसानो सा
क्या खुदा से मिलकर आई है
क्या खुदा से मिलकर आई है