Socho Na Zara Yeh

Rani Malik

सोचो ना ज़रा ये सोचो ना, बोलो ना सनम कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते

सोचो ना ज़रा ये सोचो ना, बोलो ना सनम कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते

आ आ आ आ आ आ आ आ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ

आते जाते रहे हमेशा ही तकरार के मॉसम
बड़े दीनो के बाद मगर आए है प्यार के मॉसम

चले जा रहे थे हम दोनो बचते ओर बचाते
एक दूजे की जान बन गए मिलते ओर मिलाते

आज भी ना इकरार जो होता तो हम मर जाते
मर जाते तो दिल की बातें कैसे बतलते

सोचो ना ज़रा ये सोचो ना, बोलो ना सनम कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते

सच बोलूं तो मिलकर तुमसे इसी बात का गम है
तेरे प्यार के लिये ये सारी उम्र बहोत ही कम है

लफ्जों मे समझाऊँ कैसे चाहत की गेहराई
तेरे साथ रहूंगी बनके मैं तेरी परछाई

देतें है आवाज़ तुम्हे ये बाहों के सहारे
क्या होगा जो नज़र लगा दे सारे ये नज़ारे
सोचो ना ज़रा ये सोचो ना
बोलो ना सनम कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते

सोचो ना ज़रा ये सोचो ना
बोलो ना सनम कुछ बोलो ना
आँखें ना मिलती तो फिर ये दिल कैसे मिलते
अगर ना मिलते दिल तो बोलो हम कैसे मिलते

Curiosidades sobre la música Socho Na Zara Yeh del Udit Narayan

¿Quién compuso la canción “Socho Na Zara Yeh” de Udit Narayan?
La canción “Socho Na Zara Yeh” de Udit Narayan fue compuesta por Rani Malik.

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