Kya Roop Hai Tera
क्या रूप है तेरा क्या रंग है तेरा
क्या रूप है तेरा क्या रंग है तेरा
तू गज़ब की चीज़ सनम
तुझको तो पाने के खातिर
कुछ भी कर जायेंगे हम
क्या रूप है तेरा क्या रंग है तेरा
क्या रूप है तेरा क्या रंग है तेरा
तू मेरा महबूब सनम
तुझको तो पाने के खातिर
कुछ भी कर जायेंगे हम
झुल्फे रेशम तेरी चेहरा तेरा खूब
जैसे बादलों से चल के आई धूप
चाहे जितना भी तू मुझसे हो अनजान
खुसबू दे देती है फूलो की पहचान है
तेरे बदन की डाली मस्ती में लहराए
तेरे गोर तन पे चंदा भी शर्माए
बदले सारा आलम जब लू तेरा नाम
तेरा साथ है जैसे हो रंगो की शाम
क्या रूप है तेरा क्या रंग है तेरा
क्या रूप है तेरा क्या रंग है तेरा
तू मेरा महबूब सनम
तुझको तो पाने के खातिर
कुछ भी कर जायेंगे हम
संगम सात सुरों का तेरे साथ लगे
हे तू है रिम ज़िम सावन ये अहसास लगे
तेरी एक आहट से मन मेरा झूमे
जैसे सुबह की किरणे धरती को चूमे
तेरे खातिर मेरा ये दीवाना पन
साहिल से टकराये जैसे लहरों का दामन
तेरे आजाने से अरमान खिल जाए
नदी कोई सागर में जैसे मिल जाए
क्या रूप है तेरा क्या रंग है तेरा
क्या रूप है तेरा क्या रंग है तेरा
तू गज़ब की चीज़ सनम
तुझको तो पाने के खातिर
कुछ भी कर जायेंगे हम
क्या रूप है तेरा
क्या रंग है तेरा
हे क्या रूप है तेरा
क्या रंग है तेरा
तू मेरा महबूब सनम
तुझको तो पाने के खातिर
कुछ भी कर जायेंगे हम (कुछ भी कर जायेंगे हम)
कुछ भी कर जायेंगे हम (कुछ भी कर जायेंगे हम)