Khushiyan Aur Gham

Sameer

खुशियां और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने न जाना
ज़िन्दगी क्या कहती है
खुशियां और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने न जाना
ज़िन्दगी क्या कहती है
अपनी कभी तो कभी अजनबी
आंसूं कभी तो कभी है हंसी
दरिया कभी तो कभी तिश्नगी
लगती है ये तो
खुशियां और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने न जाना
ज़िन्दगी क्या कहती है

खामोशियों की धीमी सदा है
ये ज़िन्दगी तो रब की दुआ है
छूके किसी ने इसको देखा कभी न
एहसास की है खुश्बू महकी हवा है

खुशियां और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने न जाना
ज़िन्दगी क्या कहती है

आ आ आ आ आ आ
हम्म हम्म हम्म हम्म

मन से कहो तुम मन की सुनो तुम
मन मीत कोई मन का चुनो तुम
कुछ भी कहेगी दुनिया दुनिया की छोडो
पलकों में सजके झील मिल
सपने बुनो तुम

खुशियां और ग़म सहती है
फिर भी ये चुप रहती है
अब तक किसी ने न जाना
ज़िन्दगी क्या कहती है

अपनी कभी तो कभी अजनबी
आंसूं कभी तो कभी है हंसी
दरिया कभी तो कभी तिश्नगी
लगती है ये तो

खुशियां और ग़म सहती है (खुशियां और ग़म सहती है)
फिर भी ये चुप रहती है (फिर भी ये चुप रहती है)
अब तक किसी ने न जाना (अब तक किसी ने न जाना)
ज़िन्दगी क्या (ज़िन्दगी क्या कहती है)

Curiosidades sobre la música Khushiyan Aur Gham del Udit Narayan

¿Quién compuso la canción “Khushiyan Aur Gham” de Udit Narayan?
La canción “Khushiyan Aur Gham” de Udit Narayan fue compuesta por Sameer.

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