Sajana Sajani [Sad]
ANAND CHITRAGUPTA, MILIND CHITRAGUPTA, SAMEER LALJI ANJAAN
सजना सजना
सजनी सजनी
सात फेरे लगा के
बढ़ गए हम वचन से
अपना रिश्ता वही है
धरती का जो गगन से
मैं रिझाऊगी हर घडी
तुझको सोलह सिंगार से
रूठ जाएगी तू अगर
मैं मना लूँगा प्यार से
मैं मना लूँगा प्यार से
सुंदरी मानुगा मैं तेरा कहना