Parbat Ke Us Paar
Khaiyyaam, Fazli Nida
हो परबत के उस पार
हो परबत के उस पार दिलो का प्यार हवाओं मे लहराता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार
दरिया का अलबेला पानी बादल बन कर झूमे
बादल शबनम के होंटो से कलियो का मुँह चूमे
हो इस वादी मैं सब से सब का रिश्ता नाता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार
हरियाली की चादर ओढ़े धूप चले राहो मैं
आँख मिचोली खेले मंज़र कोहरे की बाहो मैं
हो इश्क़ यहा पर जीने के आदाब सिखाता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार
पेड़ो को हमराज बनाए
दिलवाले दीवाने
खामोशी को रात सुनाए
चाहत के अफ़साने
हो चाँद फलक पर रोज किसी को ढूँढने आता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार दिलो का प्यार हवाओं मे लहराता है
यहा हर मौसम गाता है
यहा हर मौसम गाता है
हो परबत के उस पार