Main Baagon Ki Bulbul

Anand Bakshi

चंचल शोख हवाओं जा के सजना से कहना
चंचल शोख हवाओं जा के सजना से कहना
मैं बागों की बुलबुल मुझे पिंजरे में नहीं रहना
मैं बागों की बुलबुल मुझे पिंजरे में नहीं रहना
चंचल शोख हवाओं जा के सजना से कहना
मैं बागों की बुलबुल मुझे पिंजरे में नहीं रहना
मैं बागों की बुलबुल मुझे पिंजरे में नहीं रहना
आजा आजा

अंबर के नीचे पनघट के पीछे ऐसे ही गाती रहूंगी मैं
बुलबुल गुलिस्तां सारे जहाँ को नग़्में यूं ही सुनाती रहूंगी मैं
अंबर के नीचे पनघट के पीछे ऐसे ही गाती रहूंगी मैं
बुलबुल गुलिस्तां सारे जहाँ को नग़्में यूं ही सुनाती रहूंगी मैं
पायल बजाती खुश्बू लुटाती मैं हूँ सहेली बहारों की
शबनम की बूँदे फूलों की लड़ियां हैं मेरा गहना
चंचल शोख हवाओं जा के सजना से कहना
मैं बागों की बुलबुल मुझे पिंजरे में नहीं रहना
मैं बागों की बुलबुल मुझे पिंजरे में नहीं रहना
आजा आजा

बीती कहानी बातें पुरानी मुझको बहुत याद आती हैं
प्यासी फ़िज़ाएं तेरी सदाएं नज़दीक मूझको बुलाती है
बीती कहानी बातें पुरानी मुझको बहुत याद आती हैं
प्यासी फ़िज़ाएं तेरी सदाएं नज़दीक मूझको बुलाती है
कैसे मिलेंगे हम फिर दोबारा मैं पूछता हूँ नज़ारों से
दर्द जुदाई का दर्द मुझको अब तो नहीं सहना

चंचल शोख हवाओं जा के सजना से कहना
मैं बागों की बुलबुल मुझे पिंजरे में नहीं रहना
मैं बागों की बुलबुल मुझे पिंजरे में नहीं रहना
आजा आजा आजा आजा

Curiosidades sobre la música Main Baagon Ki Bulbul del Suresh Wadkar

¿Quién compuso la canción “Main Baagon Ki Bulbul” de Suresh Wadkar?
La canción “Main Baagon Ki Bulbul” de Suresh Wadkar fue compuesta por Anand Bakshi.

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