Paise Ka Nasha

Anil Verma

हसिन सपना दीवानों का मैं
दीवानापन ये छायेगा
रेत के जैसे फ़िसलती हु मैं
देखता तू रह जायेगा
इसके नशे से कोई ना बच पाया
किसी को बनाया किसी को गिराया
इसके बिना रोमांस नहीं
वोऊ वोऊ ओह ओह ऐसा है
पैसे का नशा
वोऊ वोऊ ओह ओह ऐसा है
पैसे का नशा
वोऊ वोऊ ओह ओह ऐसा है
पैसे का नशा
वोऊ वोऊ ओह ओह ऐसा है
पैसे का नशा

औ औ औ औ औ औ औ औ

रे कौन हू मैं सबको पता है
मंज़िल का मेरी मुझको पता है
संग जो आएगा वो तैर जायेगा
मेरे नशे में वो ढल जायेगा

रुकेगा जो भी वो रह जायेगा
इस दुनिया से चिल्लर ही पायेगा
नोटों के खेल में असली मजा है
जीना है अगर तो यही नशा है
वोऊ वोऊ ओह ओह ऐसा है
पैसे का नशा
वोऊ वोऊ ओह ओह ऐसा है
पैसे का नशा
वोऊ वोऊ ओह ओह ऐसा है
पैसे का नशा
वोऊ वोऊ ओह ओह ऐसा है
पैसे का नशा

Curiosidades sobre la música Paise Ka Nasha del Sunidhi Chauhan

¿Quién compuso la canción “Paise Ka Nasha” de Sunidhi Chauhan?
La canción “Paise Ka Nasha” de Sunidhi Chauhan fue compuesta por Anil Verma.

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