Dobara
Kunaal Vermaa
कहीं भी नज़र हो मेरी
तेरा ही नज़ारा हो
अगर इश्क हो फिर हमको
तुझीसे दोबारा हो
कहीं भी नज़र हो मेरी
तेरा ही नज़र हो
अगर इश्क हो फिर हमको
तुझीसे दोबारा हो
करके वादे भूल गया
खा के क़समा दूर गया
कटती नैय्यो रातां कालियां
मिलके जहां जुदा हुए थे आखिरी दफा
आजा चलें वहीं पे दोबारा
लगता नहीं कहीं भी
दिल मेरा तेरे बिना
आजा चलें वहीं पे दोबारा हाँ..
तेरी आँखें ढूँढता है
तेरी शामें माँगता है
हो सके तो साथ वो
मौसम ले आना
हो रोज़ दिल तुमको बुलाये
याद आई तुम न आए
आओ जब इस बार अपने
साथ ले जाना
जब जब दिल को प्यार हुआ
तुझसे ही हर बार हुआ
तेरे आगे सब मैं हारियां
मिलके जहां जुदा हुए थे आखिरी दफा
आजा चलें वहीं पे दोबारा
लगता नहीं कहीं भी दिल मेरा तेरे बिना
आजा चलें वहीं पे दोबारा हाँ..