Samajh Na Paaogey
मेरी हर बात को
हसी में उड़ाते हो
हो नहीं जैसे तुम
बनके दिखाते हो
मेरी हर बात को
हसी में उड़ाते हो
हो नहीं जैसे तुम
बनके दिखाते हो
फिर भी तुमको
चाहु बेपनाह
बिन तुम्हारे जाती
है क्यूँ जान
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
हाँ कितनी मोहब्बत हैं तुमसे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
हाँ कितनी मोहब्बत हैं तुमसे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
क्यूँ रातों को जगना
आंशु बहाना
ख्यालों में तुझको
सोचते ही जाना
क्यूँ राहों पे तेरा
इंतज़ार करना
तेरे झूठे वादों पे
ऐतबार करना
दिल ये धड़कता क्यूँ नहीं
तेरे बिन लगता क्यूँ नहीं
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
हाँ कितनी मोहब्बत हैं तुमसे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे
हाँ कितनी मोहब्बत हैं तुमसे
ये तुम कभी समझ ना पाओगे