Saathiya [The Unwind Mix]

SAMPOORAN SINGH GULZAR, A R RAHMAN, GULZAR

हँसती रहे तू हँसती रहे हया की लाली खिलती रहे
जुल्फों के नीचे गर्दन पे सुबह शाम मिलती रहे
हँसती रहे तू हँसती रहे हया की लाली खिलती रहे
जुल्फों के नीचे गर्दन पे सुबह ओ शाम मिलती रहे
सौंधी सी हँसी तेरी खिलती रहे मिलती रहे

पीली धूप पहन के तुम देखो बाग़ में मत जाना
भंवरे तुमको सब छेड़ेंगे फूलों में मत जाना
मद्धम मद्धम हंस दे फिर से
सोणा सोणा फिर से हंस दे
ताजा गिरे पत्ते की तरह सब्ज लॉन पर लेटे हुए
सात रंग हैं बहारों के एक अदा में लपेटे हुए
सावन भादों सारे तुमसे
मौसम मौसम हंसते रहना
मद्धम मद्धम हँसते रहना
साथिया हंममममम साथिया हंमममममम
मद्धम मद्धम तेरी ये गीली हँसी (ओ हो हो)
साथिया हंममममम साथिया हंमममममम
सुन के हमने सारी पी ली हँसी

कभी नीले आसमां पे
चलो घुमने चलें हम
कोई अब्र मिल गया तो
जमीं पे बरस लें हम
तेरी बाली हिल गयी है
कभी शब चमक उठी है
कभी शाम खिल गयी है

तेरे बालों की पनाह में इस सियाह रात गुजरे
तेरी काली काली आँखे कोई उजली बात उतरे
तेरी इक हंसी के बदले
मेरी ये ज़मीन ले ले मेरा आसमान ले ले
साथिया हंममममम साथिया हंमममममम
मद्धम मद्धम तेरी गीली हँसी
साथिया हंममममम साथिया हंमममममम
सुन के हमने सारी पी ली हँसी

Curiosidades sobre la música Saathiya [The Unwind Mix] del Sonu Nigam

¿Quién compuso la canción “Saathiya [The Unwind Mix]” de Sonu Nigam?
La canción “Saathiya [The Unwind Mix]” de Sonu Nigam fue compuesta por SAMPOORAN SINGH GULZAR, A R RAHMAN, GULZAR.

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