Mohabbat

Subhash Ghai

हे हमम

मौसम भी ऐसा है
मंजर भी ऐसा है
तेरी भी मनशा है
मेरी भी मनशा है
तो हो जाये मोहब्बत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
तो हो जाये मोहब्बत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत

सोने की दीवारों में
चांदी के दरवाज़े है
घुट घुट अरमान है
दबी दबी आवाज़े
शीशे जैसा दिल तेरा
उस में भी तूफ़ा है
कही हो ना जाये क़यामत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
कही हो ना जाये क़यामत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत

झांक रहा है चंदा
बाज रहे मंजीरे
चांदनी के पैरों में
बांध रहे ज़ंजीरें
कुछ मैं भी बावरा हूँ
कुछ तू भी बावरी है
तो हो जाये मियामत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
तो हो जाये मियामत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
मौसम भी ऐसा है
मंजर भी ऐसा है
तेरी भी मनशा है
मेरी भी मनशा है
तो हो जाये मोहब्बत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत

Curiosidades sobre la música Mohabbat del Sonu Nigam

¿Quién compuso la canción “Mohabbat” de Sonu Nigam?
La canción “Mohabbat” de Sonu Nigam fue compuesta por Subhash Ghai.

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