Main Zinda Hoon

Javed Akhtar

साथियो साथियो आखिरी बारी
क्या कह रहा हूं सुन
हो सके तो सुनो

मैने अपने गरम लहू से
वक्त के बर्फीले कागज पे
इक पैघम लिखा है
जिन्के नाम लिखा है
उन तक पाहुचा देना
उन तक पाहुचा देना
मेरे मन की बात उन्हे तुम बटला देना
मैने अपने गरम लहू से
वक्त के बर्फीले कागज पे
इक पैघम लिखा है
इक पैघम लिखा है

मेरी मां से तुम ये कहना
बचपन में मुझसे तूने कहा था
धरती मां भी मां होती है
मैंने आज इस धरती मां की लाज राखी है
मत रो माँ तू क्यूं रोटी है
क्यूं रोटी है
क्यूं रोटी है
मैने अपने गरम लहू से
वक्त के बर्फीले कागज पे
इक पैघम लिखा है
इक पैघम लिखा है

मेरे बाबा से तुम कहना
बचपन में मुझसे तुमने कहा था
ऐसा कुछ मत करना की मैं शर्मिंदा हूं
तुमने कहा था इतिहास हमसे कहता है
जो है बहादुर, मरके भी जिंदा रहता है
बात तुम्हारी मान ली मैंने
अपने वतन पे जान दी मैंने
देखो बाबा आज मैं मार्के भी जिंदा हूं
सौ करोद इंसानो के
एहसास में मैं जिंदा हूं
हिंदोस्तान के मन में बेस
विश्वास में मैं जिंदा हूं
नौजवान चेहरे में मैं हूं
सरहद पर पहरों में मैं हूं
तुम मेरा कोई गम न करना
अपनी पालकों को नम न करना
अपना गौरव कम ना करना
अपना गौरव कम ना करना
मैं जिंदा हूं
मैं जिंदा हूं
मैं जिंदा हूं

Curiosidades sobre la música Main Zinda Hoon del Sonu Nigam

¿Quién compuso la canción “Main Zinda Hoon” de Sonu Nigam?
La canción “Main Zinda Hoon” de Sonu Nigam fue compuesta por Javed Akhtar.

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