Maa Sunn Le Zara

Amol Powle

दिल पे उम्मीद का बोझ
कुछ मांगे हर कोई रोज़
दिल पे उम्मीद का बोझ
कुछ मांगे हर कोई रोज़
हँसी मेरी कहीं छुप गयी
कहानी कहीं रुक गयी
माँ सुन्न ले ज़रा
केहता है क्या दिल ये मेरा
माँ सुन ले ज़रा
केहता है क्या दिल ये मेरा

ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ

उलझन में कस्मों ने
लाके मुझे रख दिया
देके ख़ुशी अपनों को
कैसा ज़ख़्म खुद को दिया
रूठी रूठी सी हँसी
जूठा जूठा हर लम्हा
भीगी भीगी आँखें तनहा तनहा
मन चाहें मेरा उड़ जाऊं
सपनो से खुद के जुड़ जाऊँ
बन जाऊं आज़ाद परिंदा मैं कोई
उड़ जाऊं ऊँचे अम्बर की और
दिल पे उम्मीद का बोझ
कुछ मांगे हर कोई रोज़
हँसी मेरी कहीं छुप गयी
कहानी कहीं रुक गयी
माँ सुन ले ज़रा
केहता है क्या दिल ये मेरा
ओ माँ सुन ले ज़रा
केहता है क्या दिल ये मेरा

हम्म हम्म हम्म हम्म आ आ आ आ आ
सुरमई मेरे सपने
पलकों तले जल गए
आंसू मेरे नैनो से
मोम बन पिगल गए
स्याही से इन्द्र धनुष की
थोड़े से रंग चुराऊँ
चंदा की ठण्डी किरण में मैं सो जाऊं
तारों को छू लूँ मैं बन्न बादल कर जाऊं
मुझको गोद में तू माँ छुपाले कहीं
सुन ना सकूँ इस दुनिया का शोर
दिल पे उम्मीद का बोझ
कुछ मांगे हर कोई रोज़
हँसी मेरी कहीं छुप गयी
कहानी कहीं रुक गयी
माँ सुन ले ज़रा
केहता है क्या दिल ये मेरा
माँ सुन ले ज़रा
केहता है क्या दिल ये मेरा
आ आ आ आ

Curiosidades sobre la música Maa Sunn Le Zara del Sonu Nigam

¿Quién compuso la canción “Maa Sunn Le Zara” de Sonu Nigam?
La canción “Maa Sunn Le Zara” de Sonu Nigam fue compuesta por Amol Powle.

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