दो पल

JAVED AKHTAR, MADAN MOHAN

आ आ आ आ आ आ आ आ

दो पल का ख्वाबो का कारवां
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ

दो पल की थी ये दिलों की दास्ताँ
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ

और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ

तुम थे की थी कोई उजली किरण
तुम थे या कोई कलि मुस्काई थी

तुम थे या था सपनों का था सावन
तुम थे की खुशियों की घटा छायी थी

तुम थे के था कोई फूल खिला
तुम थे या मिला था मुझे नया जहां
दो पल का ख्वाबो का कारवां
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ
दो पल की थी ये दिलों की दास्ताँ
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ
आ आ आ आ आ आ

तुम थे या ख़ुशबू हवाओं में थी
तुम थे या रंग सारी दिशाओं में थे

तुम थे या रौशनी राहों में थी
तुम थे या गीत गूंजे फिजाओं में थे

तुम थे मिले या मिली थी मंजिलें
तुम थे के था जादू भरा कोई समां
दो पल का ख्वाबो का कारवां
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ
दो पल की थी ये दिलों की दास्ताँ
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ
और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

Curiosidades sobre la música दो पल del Sonu Nigam

¿Quién compuso la canción “दो पल” de Sonu Nigam?
La canción “दो पल” de Sonu Nigam fue compuesta por JAVED AKHTAR, MADAN MOHAN.

Músicas más populares de Sonu Nigam

Otros artistas de Pop