दो का चार

Anshuman Mukherjee, Apurva Dhar Badgaiyan

दो का चार तेरे लिए सोलह
तू जरदे की हिचकी गुलकंद का तोला
तू मीठा पान मैं कत्था कोरिया
देखा जो तुझको
मेरा दिल ये बोला

तू राज दुलारी
मैं शंभू भोला
तू मन मोहिनी मेरा बैरागी चोला
तू तेज़ चिंगारी
मैं चरस का झोला
तू मीठा रूहफजा मैं बर्फ का गोला
उड़ती है खुशबू किमामी
होता नशा जाफरानी
मैं बेतोड़ दर्द की कहानी
तू ही तो है मेरा मलहम यूनानी
दो का चार तेरे लिए छत्तीस
देखु जो तुझको हो जाता हूँ बत्तीस
दो का चार तेरे लिए सोलह
देख के ही तुझको मेरा ये दिल बोला

मजनू है सर पे सवार
कलेजे पे चलती कतार
हाए तेरी नीली कुरती लाल फीता
तू आती तो आती बहार
दो का चार तेरे लिए गल्ला
तू ही तो अल्लाह तू ही मोहल्ला
दो का चार तेरे लिए सोलह
देखा जो तुझको मेरा दिल ये बोला

Curiosidades sobre la música दो का चार del Sonu Nigam

¿Quién compuso la canción “दो का चार” de Sonu Nigam?
La canción “दो का चार” de Sonu Nigam fue compuesta por Anshuman Mukherjee, Apurva Dhar Badgaiyan.

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