Ud Chale
ये रास्ते चलो चलें
आश्मा ने रोका कहा उड़ चले
चूपा के बैठा बातें केहना नहीं है कुछ
सुभा से शाम में लिखता रहा था कुछ
हां हाथों में गिटार शब्दें सजा रहा हूं
The way i feel बस तुमको बता रहा हूं
जो बैठूं सोचने न जाने कितनी सारी रातें
सजाता सपने हकिकतें कुछ और बताते
नींद आए ना जो चांद से हुई है दोस्ती
ज़ुबा ये केहती कहा कलम अब बोलती है
अब इन अंधेरों में रोशनी सितारों के है
मिलेंगे उनसे मेरे हर इक बहनों में है
रेहता मलंग मग़रूर अपनी आदतों में
बेपरवाह मन जैसे पंछी आसमान में
ये रास्ते चलो चलें
आश्मा ने रोका कहा
उड़ चले
ये रास्ते चलो चलें
आश्मा ने रोका कहा
उड़ चले
शेहर से निकला पोहचा नए ज़माने में
उठे यहां मन की लेहर हर इक मकानों से
मैंने भी मन की तरंगो में कुछ है देखा
संझोता रोज़ मैं रोज़ाना अपनी आदतों में
गिरे है कितनी बार पर उठे इरादें है
डरना क्यूं है जब तुम्हे लड़ना आता है
पता है हमारे पास कुछ नहीं है लेकिन
सपनों में पंख जैसे चील की उड़ान है
ये रास्ते चलो चलें
आश्मा ने रोका कहा
उड़ चले
ये रास्ते चलो चलें
आश्मा ने रोका कहा
उड़ चले