Tum Nahi Ho
Numan Zaka
तेरा चेहरा सुनाई दे मुझे
तेरी आवाज़ दिखाई दे मुझे
रोक लूँ आज की रात को
और रहने दूं बाहों में यार को
तेरे बाद सुबहा कोई हुई नही
रात होती रही हर रात के बाद
तुम नही हो तो यूँ
दिख रहे हो फिर क्यूँ
अपनी साए को कर मेरा साया
मेरा रब जनता मेने खातिर तेरी
अपना हंसता हुआ घर जलाया
तू जो खुश है तो
ये बात मुझ से तो कर
जीत जा मुझ से मेरी
हार को मुकम्मल तो कर
जीने में देर कर में गया
कुछ एसा हुआ के मर ही गया (दे ना)
तुम नही हो तो यूँ (दे ना)
दिख रहे हो फिर क्यूँ (रे मौला)
अपनी साए को कर मेरा साया (दे ना)
मेरा रब जनता मेने खातिर तेरी (रे मौला)
अपना हंसता हुआ घर जलाया (दे ना)