Yahan Ke Hum Sikandar [Retro Lofi Love]

Jatin-Lalit, Majrooh Sultanpuri

वो सिकंदर ही दोस्तों कहलाता हैं
हारी बाज़ी को जीतना जिसे आता हैं
निकलेंगे मैदान में जिस दिन हम झूमके
धरती डोलेगी ये कदम चूमके
हे निकलेंगे मैदान में जिस दिन हम झूमके
धरती डोलेगी ये कदम चूमके
वो सिकंदर ही दोस्तों कहलाता हैं
हारी बाज़ी को जीतना जिसे आता हैं

जो सब करते हैं यारों वो क्यों हम तुम करें
यूँही कसरत करते करते काहे को हम मरें
घरवालों से teacher से भला हम क्यों डरें

यहाँ के हम सिकंदर चाहें तो रख लें
सब को अपनी जेब के अंदर
अरे हमसे बचके रहना मेरे यार
नहीं समझे हैं वो हमें
तो क्या जाता है
हारी बाज़ी को जीतना हमें आता हैं
यह भोली भाली मतवाली परियाँ
जो हैं अब दौलत पे कुर्बान
जब कीमत दिल की ये समझेंगी तो
हमपे छिड़केंगी अपनी जान

यहाँ के हम सिकंदर चाहें तो रख लें
सब को अपनी जेब के अंदर
अरे हम भी हैं शहज़ादे गुलबाग

नहीं समझे हैं वो हमें
तो क्या जाता हैं

हारी बाज़ी को जितना हमें आता हैं
निकलेंगे मैदान में जिस दिन हम झूमके
धरती डोलेगी यह कदम चूमके
हे निकलेंगे मैदान में जिस दिन हम झूमके
धरती डोलेगी यह कदम चूमके
नहीं समझे हैं वो हमें
तो क्या जाता हैं

Curiosidades sobre la música Yahan Ke Hum Sikandar [Retro Lofi Love] del Sadhana Sargam

¿Quién compuso la canción “Yahan Ke Hum Sikandar [Retro Lofi Love]” de Sadhana Sargam?
La canción “Yahan Ke Hum Sikandar [Retro Lofi Love]” de Sadhana Sargam fue compuesta por Jatin-Lalit, Majrooh Sultanpuri.

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