Doha [Jhankar]

TRADITIONAL, ANAND MILIND

हो पर्दा-नशीं तुम छुपो लाख हम से
ये दिल आशना है, तुम्हें जानता है
तुम्हें जानता है, तुम्हें चाहता है
तुम्हारे ही दामन पनाह चाहता है
तुम्हें झिलमिलाते सितारों में देखा
जवानी की मस्त बहारों में देखा
ये दिल आशना है, तुम्हें जानता है
तुम्हें जानता है, तुम्हें चाहता है
तुम्हारे ही दामन पनाह चाहता है
जुदाई की पुर-सोज़ आहों में देखा
गले मिलती काली घटाओं में देखा
ये दिल आशना है, तुम्हें जानता है
तुम्हें जानता है, तुम्हें चाहता है
तुम्हारे ही दामन पनाह चाहता है
बड़ा बे-मुरव्वत ये सख़्त जहाँ है
तू आ मेरे महबूब, रहबर कहाँ है
ये दिल आशना है, ये दिल आशना है

Curiosidades sobre la música Doha [Jhankar] del Sadhana Sargam

¿Quién compuso la canción “Doha [Jhankar]” de Sadhana Sargam?
La canción “Doha [Jhankar]” de Sadhana Sargam fue compuesta por TRADITIONAL, ANAND MILIND.

Músicas más populares de Sadhana Sargam

Otros artistas de World music