Dhindhora Baje Re

Amitabh Bhattacharya

माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी
दोषों प्रोहो रोणो धारिणी

हर बंदिश से छूट के
बस इश्क़ करेंगे टूट के
अब रोक सके तो रोक ले दुनिया

अरे इश्क़ किया तो शर्म क्या
अजी इश्क़ से बढ़ के कर्म क्या
अब टोक सके तो टोक ले दुनिया

हम दोनों बेमिसाल
सज धज के कमाल
बाहें डाले हुए
बाहों में जो नाचे

ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे

उलझ के यहां सुलझते नहीं
दिलों के माँझे रे

ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे

दिन वो गुजरे गिनके सितारे
ये जिसके भी अंग लगे
दिन वो गुजरे गिनके सितारे
ये जिसके भी अंग लगे
चलना हवा पे जाने है इसको
है सुर ख्वाब के पंख लगे

अरे इसके सिंगार में इंद्रधनुष
के ही जितने हैं रंग लगे

ओ जो भी कहिए हुज़ूर
ये शगुन का सिन्दूर
ऐसे चंदा जैसे मुखड़े पे साजे

ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे

उलझ के यहां सुलझते नहीं
दिलों के माँझे रे

ढिंढोरा बाजे रे
ढिंढोरा बाजे रे

माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी
दोषों प्रोहो रोणो धारिणी
माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी
दोषों प्रोहो रोणो धारिणी

अयि गिरि नन्दिनी नन्दित मेदिनि
विश्व विनोधिनि नंदनुते
गिरिवर विंध्य शिरोधि निवासिनी
विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी
रम्य कपर्दिनि शैल सुते
दुर्गे जय जय दुर्गे माँ

Curiosidades sobre la música Dhindhora Baje Re del Pritam

¿Quién compuso la canción “Dhindhora Baje Re” de Pritam?
La canción “Dhindhora Baje Re” de Pritam fue compuesta por Amitabh Bhattacharya.

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