Dil Ke Sannate
Gulzar, Anu Malik
येह हे येह येह
दिल के सन्नाटे खोल कभी
दिल के सन्नाटे खोल कभी
तन्हाई तू भी बोल कभी
तन्हाई तू भी बोल कभी
परछाईया चुनता रहता है
क्यूँ रिश्ते बुनता रहता है
परछाईया चुनता रहता है
क्यूँ रिश्ते बुनता रहता है
ओह इन् वदो के पीछे कोई नहीं
क्यूँ वदे सुनता रहता है
दिल के सन्नाटे खोल कभी
दिल के सन्नाटे खोल कभी
तन्हाई तू भी बोल कभी
तन्हाई तू भी बोल कभी
बुझ जायेगी सारी आवाज़े
यादें यादें रह जाएंगी
बुझ जायेगी साडी आवाज़े
यादें यादें रह जाएंगी
यह तस्वीरे बचेगी आँखों
में और बातें सब कह जाएगी
दिल के सन्नाटे खोल कभी
दिल के सन्नाटे खोल कभी
तन्हाई तू भी बोल कभी
तन्हाई तू भी बोल कभी.