Dil Pe Zakham Khate Hain [Revamped, Vol. 3]

FARRUKH ALI KHAN, NUSRAT FATEH ALI KHAN, IQBAL SAFIPUR

दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है

दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है

जुर्म सिर्फ इतना है
जुर्म सिर्फ इतना है
उनको प्यार करते है
जुर्म सिर्फ इतना है
उनको प्यार करते है
जुर्म सिर्फ इतना है
उनको प्यार करते है

एतबार बढ़ता है और भी मोहब्बत का
एतबार बढ़ता है और भी मोहब्बत का
जब वो अनजबी बन कर
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
जब वो अनजबी बन कर पास से गुजरते है
उनकी अंजुमन भी है तार भी रसन भी है
उनकी अंजुमन भी है तार भी रसन भी है
देखना है दीवाने
देखना है दीवाने अब कहा ठहरते है
देखना है दीवाने अब कहा ठहरते है
देखना है दीवाने अब कहा ठहरते है

दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है
दिल पे ज़ख्म खाते है
जान से गुजरते है

Curiosidades sobre la música Dil Pe Zakham Khate Hain [Revamped, Vol. 3] del Nusrat Fateh Ali Khan

¿Quién compuso la canción “Dil Pe Zakham Khate Hain [Revamped, Vol. 3]” de Nusrat Fateh Ali Khan?
La canción “Dil Pe Zakham Khate Hain [Revamped, Vol. 3]” de Nusrat Fateh Ali Khan fue compuesta por FARRUKH ALI KHAN, NUSRAT FATEH ALI KHAN, IQBAL SAFIPUR.

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