Glucose Balam
Ravi Raj Deva, Ajit Mandal
चढल जवानी के पानी पिया।
पिके करे मनमानी पिया ।।2
निमो के जईसन गारेला
पिके गुलकोच के डोज बलमुआ
रोज मारेला ।।2
कबो उपर से नापे हाय दईया।
Antra 01
कबो निचे से नापे हाय दईया।।2
आबेला जब ऊ प्रेशर मे
विचे चापे हाय दईया ओआ
धक धक हमरो डरे जिया
जब जब बुतावेला संईया जिया
आगी देहिया के मोर सुलगाबेला
पिके गुलकोच।
Antra 02
जाला मन उबिआई हाय दईया
पियवा मिलल कसाई हाय दईया।।
करेला मन हम करि हाला
देला मुआई हाय दईया।।
कईसे अजीत के कहि बतिया
जगले बीते हमरो रतिया ।
हर घडी उ हमके डेरबाबेला
पिके