Ajnabi
Zoheb Hassan
जब से मैने देखा तुझे फिर चैन आया नही
ज़िंदगी है तेरे बगैर जिस तरह अजनबी
जब से मैने देखा तुझे फिर मैं सोई नही
ज़िंदगी है तेरे बगैर हर घड़ी अजनबी
दुख के सागर मे हू डूब रही
किस किनारे ना लगे ये हवा बागबाँ से कहे
हर तरफ है एक ख्वाब रोके कौन आँधी को
रोए खुद जाग आसमान आसमान
जब से मैने देखा तुझे फिर चैन आया नही
ज़िंदगी है तेरे बगैर हर घड़ी
अजनबी अजनबी अजनबी अजनबी
शबनम पल्को पे है आ
रुकी खो गइ है सारी खुशी
ये मिलन ये लगन ये अगन
तुझ बिन है एक सज़ा
जीने का कोई तो मिल सके
आम रास्ता रास्ता
जब से मैने देखा तुझे फिर चैन आया नही
ज़िंदगी है तेरे बगैर जिस तरह अजनबी
जब से मैने देखा तुझे फिर मैं सोई नही
ज़िंदगी है तेरे बगैर हर घड़ी
अजनबी अजनबी अजनबी अजनबी
ओ हो हो हो
ओ हो हो हो