Thok De Killi

Kumaar

चारो पासे तेरे हानेरा
मिलो दूर सवेरा रे
कीवे पार करेंगा काले काले रस्ते
ओह तेरे अंदर डर दा डेरा

इक बात जान ले राहियाँ
तुझको है खुद से लड़ना
तेरे अग्गे पीछे ना कोई
तुझे खुद से आगे बढ़ना
इक बात जान ले राहियाँ
तुझको है खुद से लड़ना
तेरे अग्गे पीछे ना कोई
तुझे खुद से आगे बढ़ना
तूने ठाना है आग को चिर के जाना है
सपने तेरे चोंच मुसाफिर मंज़िल दाना है
मिट्टी पे गिरते रहें
मिट्टी पे गिरते रहें कतरे तेरे पसीने के
ठोक दे किल्ली ठोक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोक दे किल्ली ठोक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोक दे किल्ली ठोक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोक दे किल्ली ठोक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
चलता जा तू चलता जा
धूप छाँव में ढलता जा
राहियाँ ओह
चलता जा तू चलता जा
धूप छाँव में ढलता जा
दिक्कत तेरी चिंटी जैसी
पैरों तले मसलता जा
जाना है तुझको दूर
किस्मत को कर मजबूर
राहों में जो भी पत्थर है
उन्हे करता जा तू चूर चूर
तूने ठाना है आसमानो को पाना है
चाँद पे तेरी ज़मीन मुसाफिर वही ठिकाना है
हवा मे रख ले पैरों को
हवा मे रख ले पैरों को
रस्ते यही है जीने के
ठोक दे किल्ली ठोक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोक दे किल्ली ठोक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोक दे किल्ली ठोक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोक दे किल्ली ठोक दे किल्ली
आसमान के सीने पे

Curiosidades sobre la música Thok De Killi del Navraj Hans

¿Quién compuso la canción “Thok De Killi” de Navraj Hans?
La canción “Thok De Killi” de Navraj Hans fue compuesta por Kumaar.

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