Mere Khwabon Men Mere Khayalon Men

SHAILENDRA, Salil Chowdhury

मेरे ख्वाबों मे ख़यालो मे छुपे
एक दिन मीत मेरे मेरी गली आप चले आएँगे
कभी तो होगी बहारो की नज़र
आएगी ऐसी लहर आरज़ू के फूल मुस्कुराएँगे
मेरे ख्वाबों मे ख़यालो मे

हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

मैं उनकी रंग भरी याद लिए खो सा गया
उनका हर ज़िक्र मेरा एक नया गीत बना
मेरे गीतो के मचलते हुए स्वर
उनके आँगन मे उतार उनको मेरे पास खिंच लाएंगे
मेरे ख्वाबों मे ख़यालो मे

हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

हिरन के बुन रही है जाल ये मधहोश नज़र
वो मेरे पास है दुनिया की नही मुझको खबर
दूर दुनिया से ज़माने से परे
चाँद तारो के तले हम भी एक आशियाँ बनाएँगे
मेरे ख्वाबों मे ख़यालो मे

हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

यकीन है मुझको मेरा प्यार ना रूठेगा कभी
साज़-ए-दिल का कोई भी तार ना टूटेगा कभी
दिल के इस तार की झनकार के संग
बढ़ते-बढ़ते ये कदम मंज़िलो पे खुद ही पहुँच जाएगे
मेरे कवाबो मे ख़यालो मे छुपे
एक दिन मीत मेरे मेरी गली आप चले आएँगे
मेरे ख्वाबों मे ख़यालो मे

Curiosidades sobre la música Mere Khwabon Men Mere Khayalon Men del Mukesh

¿Quién compuso la canción “Mere Khwabon Men Mere Khayalon Men” de Mukesh?
La canción “Mere Khwabon Men Mere Khayalon Men” de Mukesh fue compuesta por SHAILENDRA, Salil Chowdhury.

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