Jane Kahan Gaye Wo Din [Live]

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

गए पच्चीस साल मे हमने कितने ही गाने साथ गाए
ज़िंदगी के कितने ही उतार चढ़ाव देखे कितने अच्छे थे वो दिन

जाने कहाँ आ हा
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में नज़रों को हम बिछाएंगे
चाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर तुमको ना भूल पाएंगे
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में नज़रों को हम बिछाएंगे

मेरे कदम जहाँ पड़े सजदे किये थे यार ने
मेरे कदम जहाँ पड़े सजदे किये थे यार ने
मुझको रुला रुला दिया जाती हुई बहार ने
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में नज़रों को हम बिछाएंगे
चाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर तुमको ना भूल पाएंगे

इस दिल के आशियाँ में अब उनके ख़याल रह गये
इस दिल के आशियाँ में अब उनके ख़याल रह गये
तोड़ के दिल वो चल दिये, हम फिर अकेले रह गये
जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी राह में नज़रों को हम बिछाएंगे
चाहे कहीं भी तुम रहो चाहेंगे तुमको उम्र भर तुमको ना भूल पाएंगे

Curiosidades sobre la música Jane Kahan Gaye Wo Din [Live] del Mukesh

¿Quién compuso la canción “Jane Kahan Gaye Wo Din [Live]” de Mukesh?
La canción “Jane Kahan Gaye Wo Din [Live]” de Mukesh fue compuesta por Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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