Dupatte Ki Girah Men Bandh Lijiye

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
मेरा दिल है कभी काम आएगा
मेरा दिल है कभी काम आएगा
दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
मेरा दिल है कभी काम आएगा
मेरा दिल है कभी काम आएगा

ये मन तुम हसीं हो नजमी हो
मेरे दिल में तुम ही पर्दानशीं हो
कहा ले जाओगी तुम ऐसी सूरत
कभी तो होगी साथी की जरुरत
मेरा दिल है इसे साथी बना लो
इसे अपनी निगाह में छुपा लो

दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
मेरा दिल है कभी काम आएगा
मेरा दिल है कभी काम आएगा
दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
मेरा दिल है कभी काम आएगा
मेरा दिल है कभी काम आएगा

मेरे दिल से न अब दमन बचाओ
तुम्हे मेरी कसम है पास आओ
मेरा दिल प्यार में डूबा हुआ है
तुम्हारी याद में खोया हुआ है
मेरा दिल आपसे बढ़कर हसीं है
हसीनो की तरह कातिल नहीं है
दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
मेरा दिल है कभी काम आएगा
मेरा दिल है कभी काम आएगा
दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
मेरा दिल है कभी काम आएगा
मेरा दिल है कभी काम आएगा

जवानी तक है ये सारे झमेले
न होंगे आशिकी के फिर ये मेले
करेगी ये उमर जब बेवफाई
चुरा लेगी नजर सारी खुदाई
मेरा दिल ही तुम्हे देगा सहारा
बनेगा तूफान में किनारा
दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
मेरा दिल है कभी काम आएगा
मेरा दिल है कभी काम आएगा
दुपटे की गिरह में बांध लीजिए
मेरा दिल है कभी काम आएगा
मेरा दिल है कभी काम आएगा

Curiosidades sobre la música Dupatte Ki Girah Men Bandh Lijiye del Mukesh

¿Quién compuso la canción “Dupatte Ki Girah Men Bandh Lijiye” de Mukesh?
La canción “Dupatte Ki Girah Men Bandh Lijiye” de Mukesh fue compuesta por Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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