Yehi Armaan Lekar Aaj Apne Ghar Se

Naushad, Shakeel Badayuni

यही अरमान लेकर आज अपने घर से हम निकले
जहा है जींदगी अपनी उसी कूटे मे दम निकले

सितारो जगमगाओ तुम बहारो मुस्कुराव तुम
मेरी उज़दी मोहब्बत की हसी मिलकर उडाव तुम
हसी मिलकर उडाव तुम
जिन्हे सजदे किए हमने, जिन्हे सजदे किए हमने
वो पथ्थर के सनम निकले, वो पथ्थर के सनम निकले
जहा है जींदगी अपनी उसी कूटे मे दम निकले

तमन्ना है यही अब तो मेरा सर हो तेरा डर हो
ना आसू कोई आँखो मे
ना शीकवा कोई लब पर हो, ना शीकवा कोई लब पर हो
अगर यू मौत आ जाए, अगर यू मौत आ जाए
तो अपने दिल से गम निकले, तो अपने दिल से गम निकले
यही अरमान लेकर आज अपने घर से हम निकले

Curiosidades sobre la música Yehi Armaan Lekar Aaj Apne Ghar Se del Mohammed Rafi

¿Quién compuso la canción “Yehi Armaan Lekar Aaj Apne Ghar Se” de Mohammed Rafi?
La canción “Yehi Armaan Lekar Aaj Apne Ghar Se” de Mohammed Rafi fue compuesta por Naushad, Shakeel Badayuni.

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